Friday, 16 May 2014

2014 लोक सभा चुनाव के नतीजों पर दो (से कुछ ज्यादा) शब्द

कहने को बहुत कुछ है पर बोर नहीं करूँगा...आखिर सभी खुश हैं...ईमानदारी से बताऊँ तो स्वप्न में भी नहीं सोचा था की भाजपा खुद के दम पर ही पूर्ण बहुमत ले कर आएगी...1996 चुनाव के बाद सरकार ना बना पाने पर आदरणीय अटल जी ने सदन में कहा था, "हम संख्या बल के आगे सर झुकाते हैं"...प्रिय अटल जी, आज देखिये...संख्या बल के आगे बाकी दल भाजपा के आगे सर झुका रहे हैं...इस विराट विजय का सेनापति कभी चायवाला था...यही सबसे हर्ष की बात है| यह सच्चे लोकतंत्र का परिचायक है| इस विजय पताका फहराने में मैं दूसरा सबसे प्रमुख स्थान अमित शाह को देना चाहूँगा...उत्तर प्रदेश में उन्होंने जो प्रचंड जीत दिलाई है, जिस दक्षता के साथ अपनी योजना का निष्पादन किया, उससे समग्र देश भौंचक्का रह गया! आज इस इंसान के मैनजमेंट का लोहा मान गया मैं| नरेन्द्र मोदी और उनकी पूरी टीम को मेरी ओर से बधाई| रही बात कांग्रेस की, तो जनाब इस पार्टी का आत्म-सम्मान तो धरातल पर आ गया है और आत्म विश्वास संभवतः पाताल लोक में जा चुका है| इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता था| एक अयोग्य उम्मीदवार को अपना प्रधान-मंत्री दिखाने का सबक इन्हें मिल गया| आम आदमी पार्टी को भी शायद अब समझ आया होगा कि चुनाव शोबाजी से नहीं सुशासन से जीते जाते हैं| मेरा सुझाव है कि बैठ कर आत्म-चिंतन करें| खैर, मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भारत में मोदी समर्थकों और मोदी विरोधियों, दोनों को ही केवल भारतीय मान कर, उनकी प्रगति पर ध्यान दिया जायेगा| अगला अवेटेड इवेंट है, "मैं नरेंद्र मोदी..." 
नोट: जो लोग मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर देश छोड़ने की बात कर रहे थे, कृपया बैग बाँध कर निकल लें| आपको लोकतंत्र की मर्यादा का ज्ञान नहीं है| आप लोगों के जाने से हमें बहुत प्रसन्नता होगी| जय हिंद|

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